Ganesh Chaturthi 2025 (Image Credit-Social Media)
Ganesh Chaturthi 2025गणेश चतुर्थी 2025: गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया! इस उत्सव के दौरान, 10 दिनों तक चलने वाले गणेश चतुर्थी के पर्व की रौनक अद्भुत होती है। भव्य पंडालों में बप्पा की आरती और भजन कीर्तन के साथ एक दिव्य माहौल बनता है। मेलों में झूलों पर खेलते बच्चे और मंच पर डांडिया खेलती महिलाएं पूरे वातावरण को जीवंत कर देती हैं।
गणेश चतुर्थी का सांस्कृतिक महत्व
गणेश चतुर्थी भारत का एक ऐसा पर्व है, जिसमें आस्था, उत्साह और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर यह महापर्व दस दिनों तक चलता है, हर दिल को बप्पा की भक्ति से भर देता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। क्या आपने कभी सोचा है कि यह उत्सव पूरे दस दिनों तक क्यों चलता है? इसके पीछे महर्षि वेदव्यास और भगवान गणेश से जुड़ी एक दिव्य कथा है, जो हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।
स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा इतिहास स्वतंत्रता आंदोलन से भी जुड़ा है गहरा नाता
गणेशोत्सव केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं है। यह समाज को जोड़ने वाला त्योहार है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय इस पर्व को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य अंग्रेजी शासन के खिलाफ समाज को एकजुट करना था। तभी से यह पर्व सांस्कृतिक आयोजनों, सामूहिक पूजा, भजन-कीर्तन और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया।
गणेश जी का महत्व शुभता और विघ्नहर्ता के प्रतीक हैं श्री गणेश
शादी-विवाह, हवन-पूजा जैसे शुभ अवसरों पर बप्पा के आशीर्वाद के बिना रीतिरिवाज अधूरे माने जाते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के पूजन से होती है। उन्हें प्रथम पूज्य देवता कहा जाता है, क्योंकि वे हर बाधा को दूर कर सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
महर्षि वेदव्यास और गणेशोत्सव की कथा महर्षि वेदव्यास और श्री गणेश के लेखन से जुड़ी है गणेशोत्सव की कथा
महर्षि वेदव्यास को 'व्यासदेव' और 'कृष्ण द्वैपायन' भी कहा जाता है। उन्होंने महाभारत की रचना की, जिसे भगवान गणेश ने लिखा। यह कथा हमें संयम और समर्पण की शक्ति का परिचय कराती है।
गणेश जी की साधना गणेश जी ने दस दिनों तक की थी निरंतर साधना
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी ने दस दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखा। इस दौरान उन्होंने न भोजन किया, न विश्राम लिया। अंततः जब यह ग्रंथ पूर्ण हुआ, तब गणेश जी ने स्नान कर स्वयं को पवित्र किया। यही कारण है कि गणेशोत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है।
गणपति विसर्जन का महत्व क्या हैं गणपति विसर्जन का महत्व
गणेश प्रतिमा का विसर्जन केवल धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह हमें यह संदेश देता है कि भगवान गणेश हमारे बीच कुछ समय तक रहकर जीवन से विघ्न हटाते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि ईश्वर का वास केवल मूर्तियों में नहीं बल्कि हमारी श्रद्धा और कर्मों में भी है।
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